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Chehra Shayari In Hindi | 100+ Face Shayari | Chehra Shayari | Shayari on Face

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चेहरा शायरी इन हिंदी में आपका स्वागत है , हिंदी शायरी(HindiShayari) के ख़ज़ाने से आज हम आपके लिए चेहरा  शायरी इन हिंदी लेकर आये है , #चेहरा #शायरी  में हमने पहले भी एक पोस्ट लिखी है आप उसे भी पढ़ सकते है वो है मासूम चेहरा शायरी इन हिंदी | चेहरे भी दुनिया में बहुत तरह के होते , कोई मासूम चेहरा , कोई दुखी चेहरा , कोई ख़ुशी वाला चेहरा. chehra shayari in hindi, face shayari, chehra shayari, shayari on face.

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कितने चेहरे हैं इस दुनिया में,

मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है,

दुनिया को हम क्यों देखें,

उसकी याद में सारा वक़्त गुज़र जाता है।


कितने चेहरे हैं इस दुनिया में,

मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है,

दुनिया को हम क्यों देखें,

उसकी याद में सारा वक़्त गुज़र जाता है।


फिर दिल के आँगन में उतरा उस का सारा रूप

उस चेहरे की शीतल किरनें, उस मुखड़े की धूप


हुरूफ़-बीं तो सभी हैं मगर किसे ये शुऊर,

किताब पढ़ती है चेहरे किताब-ख़्वानों के !!

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आँखे खोलू तो चेहरा सामने तुम्हारा हो,

बंद करू तो सपना तुम्हारा हो,

मर जाऊ तो भी कोई गम नही,

अगर खफन के बदले आँचल तुम्हारा हो!


मेरे माँ-बाप की दुआएं भी है इसमें शामिल..

घर फ़क़त मेरी कमाई से नहीं चलता है!!


मेरे हमदम.. तुम्हे किस किस तरह छुपाऊँ में..

मेरी मुस्कान में भी.. नजर आने लगे हो.. अब तो तुम!! ?


अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की,

तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते हैं


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हर दफ़ा वही चेहरे बारहा वही बातें,

इन पुरानी यादों में कुछ नया नहीं रखा !!


ताआज़्ज़ुब है तेरा चेहरा है के मैख़ाना

नज़र..लब..रुख़सार..पेशानी में जाम रक्खे हैं


हमारा हाले दिल चेहरे से अब दिलदार पढ़ लोगे

ज़ुबां आंखों की समझोगे,तो मेरा प्यार पढ़ लोगे


आपकी फ़ितरत के चेहरे थे कई समझे नहीं

जो था शाने पर उसे,चेहरा समझ बैठे थे हम


हर एहसास तुमसे होकर गुजरता हैं,तेरे दिल की गलियो में प्यार उमरता हैं,होती 

बाते जब तुझसे मेरी,तो रातों को सपनो में तेरा चहेरा निखरता हैं

 

 पहले मुहब्बत अंधी थी

मगर अब उसने अपनी आँखों का इलाज करवा लिया है,

अब वो दौलत-शौहरत और चेहरा देख के होती है.!


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बड़ी हिम्मत है तुम में

जो आईना खरीद लाये

कैसे देख पाओगे

अपना असली चेहरा?


चेहरा ओ नाम एक साथ आज न याद आ सके

वक़्त ने किस शबीह को ख़्वाब ओ ख़याल कर 


मेरे चेहरे पे ग़ज़ल लिखती गईं

शेर कहती हुई आँखें उस 

आँख से आँसू न गिरे, तो कविता कैसी

चेहरे पे मुस्कान न आये, तो कविता कैसी!


आँसूओं की जान यूँ छूटी है,

चेहरे की हँसी जब से रूठी है !!

काँप उठती हूँ मैं ये सोच के तन्हाई में

मेरे चेहरे पे तिरा नाम न पढ़ ले कोई

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