Ghalib Poems | Mirza Ghalib Poems in Hindi
Ghalib Poems - Ghalib Poems पर Shayarish लेकर आया है आपके लिए बेहतरीन ghalib poems, mirza ghalib poems in hindi, mirza ghalib poetry, ghalib love poems, mirza ghalib poetry in hindi, ghalib poems in hindi, ghalib poetry hindi.
Ghalib Poems
Ghalib Poems, Mirza Ghalib Poems in Hindi, Mirza Ghalib Poetry |
Mirza Ghalib Poems in Hindi
हज़ारो ख्वाइशें ऐसी की हर खवाइश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले
हुई जिनसे तव्वको खास्तगी की दाद पाने की
वो हमसे भी ज्यादा खस्ता-ऐ-तेग-ऐ-सितम निकले
मोहब्बत में नहीं है फर्क जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले
ज़रा कर ज़ोर सीने पर कि तिर-ऐ- पुरसितम निकले
जो वो निकले तो दिल निकले, जो दिल निकले तो दम निकले
खुद के बास्ते पर्दा न काबे से उठा ज़ालिम
कही जाना हो या भी वही काफिर सनम निकले
कहाँ मयखाने का दरवाज ग़ालिब और कहाँ वाइज़
पर इतना जानते है कल वो जाता था के हम निकले
यह भी पढ़े
Mirza Ghalib Poetry
जब से तूने मुझे दीवाना बना रखा है
संग हर शख्स ने हाथों में उठा रखा है
उसके दिल पर भी कड़ी इश्क में गुज़री होगी
नाम जिसने भी मोहब्बत की सजा रखा है
अब तेरे दीदार की दुनिया भी तमाशाई है
तूने क्या मुझको मुहब्बत में बना रखा है
पिज़ा ऐयाम की तल्खी को भी हंस के नासिर
गम को सहने में भी कुदरत ने मज़ा रखा है
Ghalib Poems in Hindi
Ghalib Poems, Mirza Ghalib Poems in Hindi, Mirza Ghalib Poetry |
Ghalib Poetry Hindi
जिस शाम मेरे लब पर
तेरा नाम ना आये
खुदा करे ऐसी कोई
शाम ना ए
ऐ-जाने-वफ़ा, ये कभी
मुमकिन है नहीं
अफ़साना लिंखू और
तेरा नाम ना आये
यह भी पढ़े
Ghalib Poems
कोई दिन गर ज़िन्दगी और है
अपने जी में हमने ठानी और है
आतिश-ऐ-दोजख में ये गर्मी कहाँ
सोज़-ऐ-गम है निहानी और है
बारह देखि है उनकी रंजिशे
पर कुछ अब के सरगिरानी और है
देके खत मुँह देखता है नामाबर
कुछ तो पैगाम-ऐ-ज़बानी और है
हो चुकी ग़ालिब बलाये सब तमाम
एक मार्ग-ऐ-नागहानी और है
Ghalib Love Poems
कोई उम्मीद बर नहीं आती
कोई सूरत नज़र नहीं आती
मौत का एक दिन मुअय्यन है
नींद क्यों रात भर नहीं आती
आगे आती थी हाल-ऐ-दिल पे हंसी
अब किसी बात पर नहीं आती
है कुछ ऐसी ही बात जो चुप हो
वर्ना क्या बात कर नहीं आती
मरते है आरज़ू में मरने की
मौत आती है पर नहीं आती
काबा किस मुँह से जाओगे ग़ालिब
शर्म तुमको मगर नहीं आती
यह भी पढ़े
Mirza Ghalib Poetry in Hindi
किसी ने हमसे पूछा,
कैसे हो तुम?
हमसे हंस कर कहा
ज़िन्दगी में गम हैं
गम में दर्द है
दर्द में मजा है
और मज़े में हम है
Mirza Ghalib Poems in Hindi
ghalib poems, mirza ghalib poems in hindi, mirza ghalib poetry, ghalib love poems, mirza ghalib poetry in hindi, ghalib poems in hindi, ghalib poetry hindi.
यह भी पढ़े
- Ghalib Shayari
- Gulzar Shayari
- Gulzar Poems, Poetry
- Rahai Indori
- Love Poems
- Love Shayari
- Yaad | Miss You Shayari
- Heart Touching Shayari
- Broken Heart Shayari
- Sorry Quotes
- Sorry Status
- Friendship Status
- Bewafa Shayari
0 Comments